सुलेख दो शब्दों से मिलकर बना है -सु +लेख | अर्थात् अच्छा लेख | छात्र जीवन में सुलेख का अत्यधिक अधिक महत्व है | छात्र कठोर परिश्रम करते हुए अपने लेखन को मोती के समान सुंदर बनाने में पूरे सामर्थ्य के साथ प्रयासरत रहते हैं | परंतु विगत महामारी कोरोना के दौरान छात्रों के लेखन अभ्यास में जो कमी आ गई थी तथा जिसके बाद लेखनी में जो गिरावट दिखाई थी उसी की दिशा में एक प्रयास जान कर हमारे सेंट एंजेल्स विद्यालय के मंच पर अंतर सदनीय सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया |
जिसके अंतर्गत कक्षा पांचवी से आठवीं तक के छात्रों ने शत प्रतिशत भागीदारी के साथ प्रतियोगिता को सफल बनाया| तथा सुंदर बनावट के प्रयास स्वरूप नमूने साक्षात प्रस्तुत किए| |
प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार से हैं
कक्षा 5 से
प्रथम स्थान पर पांचवीं स का छात्र रिदम सिंह ( गुरु नानक सदन )
* द्वितीय स्थान पर पांचवीं अ की छात्रा प्रत्यूषा( दयानंद सदन )
* तृतीय स्थान पर पांचवीं ब का छात्र कबीर ( विवेकानंद सदन) रहा
कक्षा छठी से
* प्रथम स्थान पर कक्षा छठी अ की छात्रा कनिका ( विवेकानंद सदन )
* द्वितीय स्थान पर कक्षा छठी ड की छात्रा अन्वेशा श्रीवास्तव ( कबीर सदन )
* तृतीय स्थान पर कक्षा छठी स की छात्रा नव्या ( गुरु नानक सदन) रही
कक्षा सातवीं से
* प्रथम स्थान पर सातवीं की छात्रा शांभवी ( गुरु नानक सदन )
* द्वितीय स्थान पर सातवीं ब का छात्र आयुष्मान प्रत्यूषा( दयानंद सदन )
* तृतीय स्थान पर सातवीं ई की छात्रा कृतिका शर्मा ( कबीर सदन) रही
कक्षा आठवीं से
* प्रथम स्थान पर आठवीं ब का छात्र दीपांशु निर्वाण ( गुरु नानक सदन )
* द्वितीय स्थान पर आठवीं स की छात्रा कृति द्विवेदी ( कबीर सदन )
* तृतीय स्थान पर आठवीं ड की छात्रा सृष्टि ( कबीर सदन) ने बाजी मारी |